मानव सभ्यता के विकास में कुम्हारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. कहा जाता है कि कला का जन्म कुम्हार के घर में ही हुआ है. इन्हें उच्च कोटि का शिल्पकार वर्ग माना गया है.
यदि कुम्हार ना होता तो समाज में कोई भी त्योहार, पूजा पाठ, शादी ब्याह आदि कोई भी कार्य संपन्न नहीं हो पाते। इसलिए कुम्हार को प्रजापति कहा गया है, क्योंकि
कुम्हार जाति का इतिहास लिखित नहीं है लेकिन धर्म ग्रंथों और इतिहास से संबंधित पुस्तकों में कुम्हारों के बारे में उल्लेख किया गया है. प्राचीन ग्रंथों में इस बात का
हिंदू कुम्हार सृष्टि के रचयिता वैदिक प्रजापति (भगवान ब्रह्मा) के नाम पर खुद को सम्मानपूर्वक प्रजापति कहते हैं.
एक बार भगवान ब्रह्मा ने अपने पुत्रों के बीच गन्ना वितरित किया. सभी